Monday, June 30, 2014

अनुनाद में मेरी दो कवितायें …



   प्रिय मित्रों - मुझे बताते हुए बहुत खुशी हो रही है कि अनुनाद ब्लॉग में मेरी दो कवितायें प्रकशित हुई है… आशा है कि आपको भी ये कवितायेँ पसंद आएँगी … .. जरूर देखिएगा और अपनी राय दीजियेगा वहाँ …



 अनुनाद में डॉ नूतन गैरोला की दो कवितायें


4 comments:

  1. बहुत सुन्दर प्रस्तुति...!
    आपको सूचित करते हुए हर्ष हो रहा है कि आपकी इस प्रविष्टि् की चर्चा आज बुधवार (18-09-2013) प्रेम बुद्धि बल पाय, मूर्ख रविकर है माता -चर्चा मंच 1372 में "मयंक का कोना" पर भी है!
    हिन्दी पखवाड़े की हार्दिक शुभकामनाओं के साथ।
    सादर...!
    डॉ.रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक'

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  2. बहुत बहुत बधाई !

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  3. आपकी दोनों कवितायें बहुत पसंद आईं.
    बहुत बहुत बधाई.

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